हिंसक वीडियो गेम्स खेलने को लेकर किसी पाबंदी की योजना नहीं लोकसभा में मंत्री राजीव चंद्रशेखर का जवाब

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बुधवार को लोकसभा को बताया कि सरकार ऑनलाइन गेम से जुड़े संभावित जोखिमों और चुनौतियों से अवगत है, लेकिन बच्चों को ऑनलाइन खेलने में लगने वाले समय को सीमित करने की कोई योजना नहीं है। खजुराहो के सांसद विष्णु दत्त शर्मा ने पूछा था कि इन दिनों हिंसक ऑनलाइन वीडियो गेम का एक नया चलन है और क्या सरकार की बच्चों को सप्ताह में अधिकतम तीन घंटे ऑनलाइन गेम खेलने की अनुमति देने की योजना है। बीजेपी सांसद के इस अतारांकित प्रश्न के लिखित जवाब में कहा राजीव चंद्रशेखर ने कहा, “ऑनलाइन गेम में गेमर्स द्वारा खर्च किए जाने वाले समय को सीमित करने का कोई प्रस्ताव वर्तमान में सरकार के विचाराधीन नहीं है।”
मंत्री का जवाब
मंत्री ने कहा कि भारत सरकार की नीतियों का उद्देश्य अपने उपयोगकर्ताओं के लिए एक खुला, सुरक्षित, विश्वसनीय और जवाबदेह इंटरनेट सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि भारतीयों के लिए हिंसा दर्शाने वाली सामग्री के संपर्क में आने की संभावना बढ़ गई है क्योंकि अधिक लोग इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं। सरकार वीडियो गेम से जुड़ी हिंसा सहित ऑनलाइन गेम से जुड़े संभावित जोखिमों और चुनौतियों से अवगत है। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन गेम सामग्री भी ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म बिचौलियों द्वारा पेश की जाने वाली ऑनलाइन सामग्री की विभिन्न श्रेणियों में से एक है, जो भारत में बच्चों और किशोरों सहित दुनिया भर में उठा रही है। लेकिन फिलहाल इस पर किसी तरह की पाबंदी की योजना नहीं है।
तय होगी जिम्मेदारी
वैसे, राजीव चंद्रशेखर ने नियमों के उन प्रावधानों को भी सूचीबद्ध किया जो बिचौलियों पर एक विशिष्ट दायित्व डालते हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इसके उपयोगकर्ता किसी भी ऐसी जानकारी को प्रदर्शित, प्रकाशित, प्रसारित या साझा नहीं करते हैं जो बच्चे के लिए हानिकारक है। अभी संज्ञेय अपराध, जुए को प्रोत्साहित करने से संबंधित है, या मौजूदा किसी कानून का उल्लंघन करना है।
चीन में पाबंदी
आपको बता दें कि 2021 में चीनी सरकार ने नाबालिगों के लिए ऑनलाइन गेम पर प्रतिबंधित लगा दिया था। इसके तहत केवल शुक्रवार, शनिवार और रविवार को एक घंटे के लिए खेलने की अनुमति थी। चीनी वीडियो गेम कंपनियों को ये सुनिश्चित करना था कि उनके रियल टाइम यूजर्स इस नियम का पालन करें और उनकी उम्र आदि वेरिफाई करें। खास बात ये है कि भारत और दुनिया भर में प्रचलित तमाम हिंसक वीडियो गेम्स की सोर्स कंट्री चीन ही है।