ब्रेकिंग
4,80,976 करोड़ का कर्ज मध्य प्रदेश पर, करोड़ों खर्च कर चमकाए जा रहे , मंत्री-नेता के बंगले दोनों सदनों में पास हुआ, वक्फ संशोधन बिल, सरकार ने पार की अग्निपरीक्षा भोपाल में समर्थन,वक्फ बिल को,मुस्लिम समाज ने पीएम मोदी का जताया आभार सीएम राइज स्कूल का नाम बदला, अब होंगे 'सांदीपनि स्कूल' मप्र के 17 धार्मिक नगरों में मंगलवार से शराबबंदी लागू। मुख्यमंत्री मोहन यादव CM मोहन यादव का जन्मदिन आज; PM मोदी और गृहमंत्री शाह ने दी बधाई 4 लाख 20 हजार करोड़ का बजट पेश, किसी भी नए टैक्स की घोषणा नहीं की। मध्य प्रदेश की मोहन सरकार 15 साल से ज्यादा पुरानी गाडिय़ों को पेट्रोल-डीजल नहीं मिलेगा। गाड़ियों पर लगेगा बैन, मोहन सरकार ने द... सांची दूध में मिलावट, सिंथेटिक दूध, डेयरी में बड़ी मात्रा में बन रहा था दिल्ली की नई सीएम होंगी रेखा गुप्ता
मुख्य समाचार

₹10000000000000 मुफ्त में बांट द‍िए, ‘मुफ्त की रेवड़‍ियों’ पर चिंता जताई:सुप्रीम कोर्ट ने

चुनावों से पहले मुफ्त की घोषणाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई है. कोर्ट का कहना है कि मुफ्त की चीजों के कारण लोग काम करने के लिए उत्साहित नहीं हो रहे हैं, और यही वजह है कि देश के विकास में योगदान देने का माहौल भी कमजोर पड़ रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को शहरी इलाकों में बेघरों से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान ये बातें कही. क्या था मामला? सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच शहरी इलाकों में बेघरों के अधिकारों से संबंधित एक मामले की सुनवाई कर रही थी. यह मामला उन गरीब और बेघर लोगों से जुड़ा था, जिन्हें शहरी क्षेत्रों में आश्रय की आवश्यकता थी. इस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस गवई ने कहा कि दुर्भाग्यवश, मुफ्त की इन योजनाओं के कारण लोग काम करने को तैयार नहीं हैं. उन्हें मुफ्त राशन मिल रहा है, उन्हें बिना काम किए पैसे मिल रहे हैं.” मुफ्त की योजनाओं का प्रभाव सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी का सीधा मतलब यह था कि मुफ्त की योजनाओं (जैसे मुफ्त राशन, धनराशि, आदि) के कारण लोग आत्मनिर्भर होने के बजाय इन योजनाओं पर निर्भर हो गए हैं. कोर्ट ने यह भी सवाल उठाया कि क्या यह उचित नहीं होगा कि लोग इन मुफ्त सुविधाओं का लाभ उठाने के बजाय समाज की मुख्यधारा से जुड़ें और देश के विकास में सक्रिय रूप से भाग लें. इस मामले में सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणि ने कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार शहरी गरीबी उन्मूलन मिशन को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है. इस मिशन के तहत, शहरी इलाकों में बेघरों के लिए आश्रय की व्यवस्था और अन्य संबंधित मुद्दों का समाधान किया जाएगा.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button