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15 साल से ज्यादा पुरानी गाडिय़ों को पेट्रोल-डीजल नहीं मिलेगा। गाड़ियों पर लगेगा बैन, मोहन सरकार ने दिए निर्देश
राष्ट्रीय स्वच्छ वायु गुणवत्ता कार्यक्रम की तरह एमपी भी राज्य स्तरीय कार्यक्रम बनाएगा। गंभीर श्रेणी के इस वायु प्रदूषण के लिए पुरानी गाडिय़ों का धुआं और खराब सड़कें मुख्य कारण हैं। मोहन सरकार ऐसे हालातों से निजात दिलाने के लिए दिल्ली की तरह व्यवस्था लागू करने जा रही है। इसके तहत 15 साल से ज्यादा पुरानी गाडिय़ों को पेट्रोल-डीजल नहीं मिलेगा। इसमें 100 या इससे अधिक एक्यूआइ वाले शहरों को शामिल किया जाएगा। पर्यावरण विभाग की समीक्षा बैठक में सीएम मोहन यादव ने अफसरों को नए सिरे से काम करने के दिए निर्देश, पुरानी गाडिय़ों का हब बनता जा रहा है। महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब व उत्तर प्रदेश से यहां बड़ी संख्या में पुरानी गाड़ियां लाकर बेची जा रही हैं। प्रदेश में पहले से लाखों पुराने वाहन हैं। इनकी ठीक से जांच नहीं होती। नतीजा, सड़कों पर धुएं उड़ाती ये गाड़ियां लोगों को बीमार कर रही हैं। यह ठंड में तब पता चलती है, जब नमी के कारण धुएं के कण भारी हो जाते हैं। फिर निचले स्तर पर रहने के कारण प्रदूषण बढ़ जाता है। सरकार ने संज्ञान लिया। मुख्यमंत्री ने पुरानी गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए विभागों को काम करने के निर्देश दिए हैं।
