सेहत के लिए बहुत जरुरी है अच्छी नींद जानिए कम सोने के नुकसान और उपाय

इन दिनों बदलते रुटीन, काम के घंटे और अलग लाइफस्टाइल के कारण लोगों को पूरी नींद नहीं मिल पाती है। लेकिन अच्छी सेहत का संबंध सीधे तौर पर अच्छी नींद से जुड़ा है। इस वजह से लोगों में नींद से जुड़ी बीमारियां ज्यादा बढ़ रही हैं। बदलती लाइफस्टाइल और खराब दिनचर्या की वजह से लोगों में बढ़ती नींद की समस्या को दूर करने और उन्हें जागरुक करने के लिए हर साल मार्च के तीसरे शुक्रवार को वर्ल्ड स्लीप डे मनाया जाता है। इस साल यानी 17 मार्च को वर्ल्ड स्लीप डे मनाया जा रहा है।
कैसे हुई शुरुआत?
इस दिन का आयोजन वर्ल्ड स्लीप डे कमेटी ऑफ वर्ल्ड स्लीप सोसाइटी द्वारा किया जाता है। साल 2008 में लोगों को नींद की अहमियत बताने और इसके बारे में जागरुक करने के लिए वर्ल्ड स्लीप डे मनाने की शुरुआत हुई। इस समय दुनियाभर के करीब 90 देशों में वर्ल्ड स्लीप डे को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मकसद नींद से जुड़ी दिक्कतों पर प्रकाश डालना और नींद की महत्ता के प्रति लोगों को जागरूक करना है। हर साल इसका कोई स्पेशल थीम होता है। इस साल वर्ल्ड स्लीप डे की खास थीम है – स्लीप इज एसेंशियल फॉर हेल्थ।
क्यों जरुरी है नींद?
बदलते समय के साथ लोगों की जीवनशैली में भी कई तरह के बदलाव हो रहे हैं। ऐसे में तनाव और काम के लंबे घंटों की वजह से लोगों की सही समय पर सोने की आदत खत्म होती जा रही है। इसकी वजह से नींद ना आने के रोग, जैसे इंसोमनिया, स्लीप एपनिया और अन्य स्लीपिंग डिसॉर्डर के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इस वजह से विश्व निद्रा दिवस का महत्व और ज्यादा बढ़ जाता है। आईये जानते हैं इसकी कमी से क्या परेशानियां हो सकती हैं। –
दूर होगी थकान
अच्छी नींद का मतलब है शरीर और दिमाग को आराम देना। अगर कोई व्यक्ति ज्यादा देर तक नहीं सोए, तो उसके पागल होने की संभावना बन जाती है। अच्छी नींद ना सिर्फ हमारे दिमाग, बल्कि पूरे शरीर को तरोताजा रखती है। शरीर में हुई टूट-फूट की मरम्मत सोने के वक्त ही होती है। साथ ही नई सेल्स का निर्माण होता है। जब आप अच्छी नींद लेते हैं तो आपका दिमाग और शरीर दोनों एक्टिव रहता है। साथ ही इससे इम्यूनिटी भी मजबूत रहती है।
ब्लड क्लॉट का खतरा
ताजा रिसर्च के मुताबिक रात में 5 घंटे से कम नींद लेने से शरीर में ब्लड क्लॉट यानी खून के थक्के बनने का खतरा तीन चौथाई तक बढ़ जाता है। वहीं अच्छी मात्रा में नींद नहीं लेने से पेरीफेरल आर्टरी डिजीज के विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है, जिसमें पैरों और हाथों में ब्लड की सप्लाई कम या बंद हो जाती है।
हार्ट अटैक का खतरा
शोध बताता है कि अच्छी नींद नहीं लेने से दिल की बीमारी का खतरा भी बढ़ जाता है, जो धमनियों के बंद होने का कारण बनता है। स्मोकिंग करने वालों और डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर या हाई कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित लोगों में यह समस्या ज्यादा आम है। खास तौर पर 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ सकता है।
क्या करें उपाय?
सोने और जागने का समय
सबसे पहले हर दिन एक ही समय पर सोने और जागने का नियम बनायें। कुछ ही दिन में शरीर इस नई रुटीन के अनुसार ढल जाएगा और आपको निश्चित समय पर नींद आने लगेगी। इससे आपकी बॉडी को अच्छी और बेहतर नींद भी मिलेगी।
नियमित व्यायाम
अच्छी नींद के लिए शरीर का थकना जरुरी है। दिमागी काम के अलावा शरीर के लिए भी वर्कआउट का समय निकालें। इसलिए हल्के ही सही लेकिन नियमित रूप से व्यायाम करें। पैदल चलना या व्यायाम मानसिक तनाव को भी दूर करने में मदद करता है।
कैफीन से रहें दूर
सोने से ठीक पहले चाय, कॉफी, एनर्जी ड्रिंक्स जैसी चीजों के सेवन से बचें। कैफीन आपकी नींद को उड़ा सकता है। बेहतर होगा कि आप सोने से पहले दूध का सेवन करें.
संतुलित और स्वस्थ आहार
रात के वक्त ज्यादा गरिष्ठ भोजन, नॉन-वेज आदि से बचें। इन्हें पचाने में शरीर को ज्यादा मेहनत लगती है और गैस, अपच आदि की वजह से नींद खराब हो सकती है। रोजाना ऐसा करने पर आप स्लीपिंग डिसऑर्डर के शिकार हो सकते हैं।