टमाटर गोभी के अपशिष्ट से बनाया सूखा कल्चर मीडिया आपदा में किसानों के लिए होगा मददगार

भोपाल। बेजा उत्पादन होने या फिर प्राकृतिक आपदा में सब्जी की फसल नष्ट होने पर अब किसानों को हताश होने की जरूरत नहीं है। कचरे से सोना बनाने की तर्ज पर कृषि विज्ञानियों ने टमाटर, गोभी आदि सब्जियों में मौजूद न्यूट्रीशन से पाउडर के रूप में मीडिया कल्चर बनाने में सफलता प्राप्त की है। यह मीडिया कल्चर पयार्वरण हितैषी भी है। प्रशिक्षण लेने के बाद किसान स्वयं के स्तर पर भी इसका निमार्ण कर सकेंगे। इससे आर्थिक लाभ भी कमा सकेंगे।
केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान भोपाल के विज्ञानियों द्वारा जैविक पद्धति से पाउडर के रूप में कल्चर मीडिया बनाने का शोध लगभग पूरा कर लिया गया है। राजधानी के आसपास के खेतों पर इसका परीक्षण करने पर सकारात्मक नतीजे भी मिले हैं। कृषि विज्ञानी अब इसकी संग्रह की अवधि की जांच कर रहे हैं, ताकि यह पता चल सके कि कल्चर मीडिया की गुणवत्ता अधिकतम कितने समय तक बनी रह सकती है।
शून्य अपशिष्ट की दिशा में एक कदम
शोध में जुटे कृषि विज्ञानी डा. मनोज त्रिपाठी ने बताया कि ड्राय कल्चर मीडिया तैयार करना जीरो वेस्ट (शून्य अपशिष्ट) की अवधारणा की दिशा में एक कदम है। यह शोध उन किसानों के लिए काफी उपयोगी साबित होगी, जो बंपर पैदावार होने पर फल, सब्जी के उचित प्रबंधन एवं संरक्षण नहीं होने तथा उचित मूल्य न मिलने पर हताश होकर गोभी, टमाटर जैसे फसल उत्पाद को सड़कों पर फेंक देते हैं। इस बैक्टीरिया कल्चर मीडिया को पाउडर के रूप में कम स्थान में संग्रहित भी किया जा सकेगा। यह पर्यावरण सहायक में भी भूमिका निभा सकेगा। वैज्ञानिक इस तैयार किए गए मीडिया को परीक्षण करने में अभी अग्रसर है। उसके परिणाम काफी सकारात्मक मिल रहे हैं।
क्या है विधि
कल्चर मीडिया के निर्माण में सोयाबीन से पनीर बनाने के उपरांत अवशेष के रूप में बचे पानी, फल और सब्जियों के उप-उत्पाद तथा अन्य अवयव को उचित मात्रा में मिलाते हैं। सभी का घोल बनाकर प्रसंस्करण करते हैं। साथ ही उचित तापमान पर ट्रे-ड्रायर में सुखाकर मिश्रण बनाते हैं। पाउडर के रूप में तैयार हुए मिश्रण को उपयुक्त पैकेट में सील करके रखते हैं, जिससे इसकी गुणवत्ता लंबे समय तक बनी रहे। इसके निर्माण में किसी भी रसायन का उपयोग नहीं किया जाता है।
क्या है कल्चर मीडिया
कल्चर मीडिया किसानों के मित्र बैक्टीरिया का भोजन है। फसलों पर कीट प्रकोप होने की स्थित में कल्चर मीडिया के उपयोग से मित्र बैक्टीरिया तेजी से पनपने लगते हैं। इससे कीट प्रकोप समाप्त हो जाता है।
सफल रहा प्रयोग
ग्राम खजूरीकलां निवासी किसान मिश्रीलाल राजपूत ने बताया कि कृषि विज्ञानियों ने उनकी सब्जी की फसल पर इस कल्चर मीडिया से तैयार बैक्टीरिया का प्रयोग किया था। इसके परिणाम काफी अच्छे रहे। वह प्रशिक्षण लेकर अपने खेत पर पाउडर के रूप में कल्चर मीडिया तैयार करने की यूनिट लगाएंगे।