जीएसटी में बढ़ी आसानी लाभ लेने का आखिरी मौका विदेशी सप्लाई में आइटीसी का संशय खत्म

इंदौर। जीएसटी में नए प्रविधानों पर चर्चा के लिए टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन (टीपीए) इंदौर एवं सीए इंदौर शाखा ने मंगलवार को सेमिनार आयजित किया। मुख्य वक्ता सीए पल्केश असावा ने कहा कि जीएसटी में वार्षिक रिटर्न (जीएसटीआर 9 एवं 9सी) विलंब से फाइल करने पर 200 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से पेनाल्टी देना होती है। कई करदाताओं पर पहले जो पेनाल्टी लाखों में आ रही थी, अब अधिकतम 20 हजार रुपये की विलंब फीस के साथ फाइल किए जा सकते हैं। ऐसे में पुराने रिटर्न दाखिल करअपना टैक्स कंप्लायंस करने का यह सुनहरा मौका है।
कंपोजीशन और पंजीयन निरस्ती पर दी गई राहतों को भी उन्होंने विस्तार से बताया। दूसरे सत्र में बजट के प्रविधानों के लागू होने पर पड़ने वाले असर और बदलावों की व्याख्या की गई। सीए असावा ने कहा कि जीएसटी अपीलेट ट्रिब्यूनल के गठन को लेकर बदलाव लाए गए हैं। उम्मीद है कि अब जल्द ही मध्य प्रदेश में भी ट्रिब्यूनल की एक बेंच गठित होगी। ट्रिब्यूनल के प्रेसिडेंट सुप्रीम कोर्ट सेवानिवृत्त जज या फिर किसी हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस होंगे। ज्यूडिशियल मेंबर कोई हाई कोर्ट जज या 10 साल से ज्यादा अनुभव वाले डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के पूर्व जज होंगे। इसी तरह टेक्निकल मेंबर भी कोई ऐसे क्लास वन अधिकारी होंगे, जिन्होंने 25 वर्षों की सेवा कर संचालन विभाग में दी हो।
ये भी हुए बदलाव
– कार्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) में कंपनियों द्वारा किए गए खर्च की इनपुट क्रेडिट नहीं मिलेगी।
-पहले जीएसटी के उल्लंघन में यदि एक करोड़ से दो करोड़ तक की टैक्स चोरी होती थी तो एक वर्ष तक की कैद का प्रविधान था। अब यह हटा दिया गया है, हालांकि फर्जी बिलों के मामले में अभी भी कैद का प्रावधान है।
– पहले कंपोजिशन टैक्सपेयर ई -कामर्स के माध्यम से कोई भी बिक्री नहीं कर सकते थे, परंतु अब उन्हें भी ई-कामर्स के माध्यम से वस्तुएं बेचने का अधिकार दिया गया है।
– करदाता अब जीएसटी रिटर्न तीन वर्ष तक ही फाइल कर सकते हैं, इसके पश्चात रिटर्न फाइल नहीं कर पाएंगे, यह प्रावधान भी इस बजट में लाया गया है।
– अंतरराष्ट्रीय कोरियर पर प्लेस आफ सप्लाई भारत के बाहर होने से कई लोगों को आइटीसी लेने में कन्फ्यूजन था। अब इस बजट में यह कन्फ्यूजन खतम कर दिया गया, और रेसिपिएंट की जगह पर ही टैक्स लगाने की बात की गई।