भारतीय राजदूत तरनजीत संधू ने यूएस स्पीकर मैक्कार्थी से की मुलाकात, द्विपक्षीय संबंधों की मजबूती पर की चर्चा
वॉशिंगटन। अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत संधू ने मंगलवार को यूएस हाउस के स्पीकर केविन मैक्कार्थी से मुलाकात की। केविन से मुलाकात में उन्होंने अमेरिका और भारत के बीच साझेदारी को और मजबूत करने के मुद्दे पर बातचीत की। संधू ने ट्वीट में कहा कि द्वीपक्षीय संबंधों की मजबूती और दोनों देशों के आपसी हित को बढ़ावा देने के मुद्दे पर बातचीत केंद्रित थी।
बाइडन और कमला हैरिस के बाद प्रमुख हैं मैक्कार्थी
यूएस हाउस स्पीकर मैक्कार्थी का राष्ट्रपति जो बाइडन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के बाद महत्वपूर्ण स्थान है। संधू ने उनसे बैठक के दौरान की तस्वीरें भी साझा कीं। उन्होंने लिखा स्पीकर मैक्कार्थी से एक बार फिर से मिलकर बेहद खुशी हुई। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि भारत-अमेरिका साझेदारी को और मजबूत करने तथा आपसी हितों से जुड़े अन्य मुद्दों पर हमारी उपयोगी चर्चा को आगे बढ़ाया गया। इससे पहले, संधू ने पिछले साल 21 नवंबर को मैक्कार्थी से मुलाकात की थी, वह उस समय प्रतिनिधि सभा में विपक्ष के नेता थे।
भारत की यात्रा के लिए उत्सुक हैं मैक्कार्थी
इस साल फरवरी में, कैलिफोर्निया में एक प्रतिष्ठित भारतीय-अमेरिकी जोड़े द्वारा संधू के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मैक्कार्थी ने भारतीय राजदूत को अपनी शुभकामनाएं भेजी थीं। अपने शुभकामना संदेश में, मैक्कार्थी ने कहा था कि वह प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष के रूप में भारत की यात्रा करने को लेकर उत्सुक हैं और दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करना जारी रखना चाहते हैं।
भारतवंशी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने क्या कहा?
अमेरिका के भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बनना दो लोकतंत्रों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने का साक्ष्य है। यह आवश्यक है कि हम अपनी अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करने और रोजगार सृजित करने के लिए विकास की क्षमताओं की पहचान जारी रखें। भारतवंशी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने मंगलवार को हालिया खबरों के जवाब में यह टिप्पणी की है।
अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार
इसमें कहा गया था कि दोनों देशों के बीच बढ़ते आर्थिक संबंधों के कारण अमेरिका 2022-23 में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बनकर उभरा है। भारत के वाणिज्य मंत्रालय के अनंतिम आंकड़ों के अनुसार, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2022-23 में 7.65 प्रतिशत बढ़कर 128.55 अरब डॉलर हो गया, जबकि 2021-22 में यह 119.5 अरब डॉलर था। जबकि 2020-21 में यह 80.51 अरब डॉलर था।