युवाओं में हनुमानजी का रूद्र रूप कर रहा ट्रैंड

इंदौर। हनुमान जी केवल भगवान के रूप में नहीं बल्कि व्यक्तित्व के रूम में भी सर्वमान्य और लोकप्रिय हैं। फल समझकर सूरज को निगलने वाले बाल हनुमान का स्वरूप हो या सोने की लंका को राख में तब्दील कर देने वाला रोद्र रुप बच्चों से लेकर युवाओं तक को अपने मोहपाश में बांध ही लेता है। तब ही तो हनुमानजी मंदिर तक ही सीमित नहीं बल्कि गले के लाकेट, गाड़ियों के स्टीकर और टैटू के कलेवर और युवाओं के तेवर तक पर अपनी अमिट छाप छोड़े नजर आते हैं। अगर इस देश में फैन फालोइंग की बात करें तो सबसे पहले हनुमानजी का ही नाम ही सामने आता है। क्योंकि सबसे अधिक युवा उन्हें अपना ईष्ट देव मानते हैं। यही वजह है कि इस देश में सबसे अधिक मंदिर हनुमानजी के हैं।
युवा को भा रहा हनुमानजी का रूद्र अवतार
युवाओं में उनका रूद्र अवतार बेहद लोकप्रिय है। युवा उनकी तरह ताकतवर, हिम्मत और साहस रखना चाहते हैं। कई बार सोशल मीडिया पर उनकी सिक्स पैक वाली फोटो वायरल होती हैं और उन्हें कैप्शन दिया जाता है कि सबसे अच्छी बाडी हनुमानजी की है। युवाओं में उनका अलग ही क्रेज नजर आता है। अधिकतर युवा भगवा रंग का गमछा पहने और माथे पर टीका लगाए नजर आते हैं। साथ ही उनकी गाड़ियों पर भी हनुमानजी के रूद्र रूप वाले स्टीकर लगे हुए दिखाई देते हैं। गले में हनुमानजी का अस्त्र ‘गदा’ को धारण किए नजर आते हैं। बता दें कि यूट्यूब सबसे अधिक बार देखा जाने वाला वीडियो भी हनुमान चालीसा का है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हनुमानजी के फैन फालोविंग सबसे अधिक है।
गाड़ियों पर लगा रहे हनुमानजी के स्टीकर
शहर में सड़कों पर दौड़ती गाड़ियों के बीच में अक्सर आपको ऐसी गाड़ियां देखने को मिलेंगी, जिनपर हनुमानजी के रूद्र रूप वाले स्टीकर लगे नजर आएंगे। साथ ही मोटरबाइक्स पर उनकी फोटो व नारे लिखे दिखाई पड़ेंगे। साथ ही गाड़ियों के डैशबोर्ड पर हनुमानजी की मूर्ति रखी नजर आएगी। युवाओं में हनुमानजी के बढ़ रहे क्रेज के कारण वे अपनी गाड़ियों पर इस तरह के स्टीकर लगाना पसंद करते हैं। शहर में करीब 30 से 40 प्रतिशत युवा अपने व्हीकल पर भगवा रंग के स्टीकर लगवा रहे हैं। साथ ही सोशल मीडिया पर युवा हनुमान चालीसा के ऊपर रील्स भी बना रहे हैं।
जिम में युवा कर रहे हनुमान दंड
युवा अपने शरीर के प्रति भी गंभीर रहते हैं। स्वस्थ और सुंदर दिखने के लिए जिम भी करते हैं। वहां भी वे हनुमानजी से प्रेरणा ले रहे हैं। जिम ट्रैनर युवाओं को हनुमान दंड बैठक करा हैं। जिम ट्रैनर संदीप दाल्के ने बताया कि हनुमान दंड बैठक से शरीर का लचीलापन बढ़ता है। यह शरीर का संतुलन और स्थिरता बढ़ाती है और बाडी पोस्चर सुधारती है। दंड-बैठक हृदय की धड़कन को हेल्दी रखती है। कूद, दौड़ जैसे स्पोर्ट्स के लिए पैरों को दमदार बनाती है। युवा इसे बड़ी शिद्दत के साथ करते हैं।
हर परिस्थिति से निपटना सिखाते हैं हनुमानजी
हनुमानजी की पूजा छह साल की उम्र से कर रहा हूं। मुझे उनका विनम्र रूप प्रेरक लगता है। जैसा कि उनके लिए कहा जाता है कि ‘सुक्ष्म रूप धरि सियहि दिखावा, विकट रूप धरि लंक जरावा’ अर्थात उन्होंने अपना बहुत छोटा रूप धारण करके सीता जी को दिखलाया और भयंकर रूप करके लंका को जलाया। हनुमानजी के पास वो कला है जिससे वह खुदको हर परिस्थिति से निकाल लेते हैं। उनकी अराधना से खुदको हर मुश्किल घड़ी से निकालने का साहस मिलता है।- सागर भाटिया
हनुमानजी के पंचमुखी अवतार की हमेशा से पूजा करता रहा हूं। उनके सभी अवतारों से बहुत कुछ सीखने को मिलता है। उन्होंने बाल रूप में ही सूरज को निगल लिया था। वह जब बड़े हुए तो एक से बढ़कर एक चमत्कार किए। उनसे साहस मिलता है। साथ ही ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है। आजकल के हिसाब से कहें तो वे सबसे कूल भगवान हैं। जो लड़ने के लिए सदैव तैयार रहते, समस्याओं का निराकरण भी करते हैं और सभी की मदद करने के लिए सबसे आगे रहते हैं।- डा. राहुल भोंसले, डेंटिस्ट
मेरे लिए रियल हीरो हैं हनुमानजी
मेरे लिए हनुमानजी शुरू से हीरो रहे हैं। बचपन में जब टीवी पर बाल हनुमान देखता था, तो उन्हीं की तरह शक्तिशाली बनना चाहता था। तभी से उनका भक्त बन गया। मैंने जितना उनके बारे में पढ़ा और समझा उससे यहीं समझ में आया कि उनकी जितनी ताकत, साहस और बुद्धि किसी के पास नहीं हो सकती। हर मुश्किल चुनौतियों को अपनी छोटी अंगुली के बराबर समझते थे। आज में मैं उनके नाम का कड़ा अपने हाथ में धारण किए हुए हैं। – नैमिष मिश्री, उद्यमी
हनुमानजी की शक्तियों से प्रेरित हुआ
भगवान हनुमान को तीनों लोकों में सबसे शक्तिशाली भगवान माना जाता है। भगवान हनुमान की शक्ति और भक्ति के कारण, लोग उनसे आशीर्वाद पाने और एक निस्वार्थ जीवन जीने के लिए पूजा-अर्चना करते हैं। मेरा भी उनके प्रति शुरू से लगाव रहा है। मैं उन्हें अपने परिवार का सदस्य मानता हूं। उनसे हरेक बात साझा करता हूं। मेरी गाड़ियों पर उनके रोद्र रूप वाले स्टीकर भी लगा रखे हैं। – देवेश पांडे, विद्यार्थी