धार जिले में पहाड़ों से रिसता पानी बुझा रहा ग्रामीणों की प्यास

धार। धार जिले के नालछा विकासखंड के मजरा चायड़ीपुरा के ग्रामीण इन दिनों करीब 300 फीट गहरी खाई में उतरकर जान जोखिम में डालते हुए पेयजल की जुगत में लगे हुए हैं। अलसुबह चार बजे से ही परिवार का हर सदस्य पानी की व्यवस्था में लग जाता है। गांव से करीब दो किलोमीटर दूर स्थित केदारनाथ की गहरी खाई में ग्रामीण उतरकर पहाड़ों के बीच से रिसकर कुंड में एकत्र होने वाले पानी को लोटे या गिलास से भरते हैं। कुछ ग्रामीण नीलकंठ महादेव की पहाड़ी की दरारों में पत्ते फंसाकर पानी भरते हैं तो कुछ ग्रामीण पहाड़ी से टपकती बूंदों को बर्तनों में झेलते हैं।प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही हर घर नल-जल योजना व जल जीवन मिशन अभी कई गांवों में सफल नहीं हो रही है। नईदुनिया ने जल मिशन योजना की मैदानी हकीकत की पड़ताल की।
ग्रामीणों के बीच पानी को लेकर होता है विवाद
इसमें पता चला कि करीब दो वर्ष पूर्व ग्राम चायड़ीपुरा में जल मिशन अंतर्गत पाइप लाइन डाल दी गई थी, लेकिन आज तक पानी नहीं मिल पाया। सुबह चार बजे से उठना पड़ता हैगांव की गुलकाबाई ने बताया कि छोटी-सी झीरी से पानी भरने के दौरान कई बार ग्रामीणों में आपस में विवाद होते हैं। दूर-दूर तक पानी नहीं है। बच्चों को स्नान कराने के भी लाले हैं। वहीं भूरसिंह ने बताया कि सुबह चार बजे से उठकर पानी के लिए नंबर लगाते हैं तो आधे बर्तन ही भर पाते हैं।
मवेशियों को भी समय पर नहीं मिल पाता पानी
कई बार पंचायत एवं अधिकारियों को आवेदन दिए, लेकिन सुध नहीं ली गई। सिर्फ चुनाव में वोट मांगने नेता आते हैं। उसके बाद हमारी कोई सुनवाई नहीं होती। बुजुर्ग किशन ने बताया कि गहरी खाई में उतरकर हाथ-पैर दर्द करने लगते हैं। करीब 250 मवेशी को समय पानी नहीं मिल पाता है।
30 वर्ष से झेल रहे समस्या
संगीता मकवाना ने बताया कि करीब 30 वर्ष से पानी की समस्या है। काम पर भी जाना पड़ता है। ऐसे में सुबह से पानी के लिए परेशान होते हैं। काम से आने के बाद रात में भी पानी के लिए संघर्ष करते हैं।जल मिशन में मजरे को जोड़ा थाग्राम पंचायत सचिव तरुण जाट ने बताया कि पूरे मजरे को जल मिशन योजनांतर्गत जोड़ा था। पीएचई विभाग द्वारा पाइप लाइन डाली गई है, लेकिन स्थायी रूप से समस्या के हल की कोई व्यवस्था नहीं की गई।
700 ग्रामीण हो रहे हैं प्रभावित
नालछा ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले तीन मजरों में पेयजल संकट की स्थिति है। चायड़ीपुरा में 42 परिवार के करीब 250 रहवासी, नयापुरा में 50 परिवार के करीब 300 ग्रामीण व इंदिरा आवास कालोनी में 30 परिवार के करीब 150 रहवासी इस तरह करीब 700 ग्रामीण