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मध्यप्रदेश

बैठक में भाजपा के पार्षद हुए नाराज नेता प्रतिपक्ष से बोले-दे देंगे इस्तीफा

ग्वालियर। बुनियादी जरूरतों के लिए कई बार मांग करने के बावजूद वार्डों में काम न होने से भाजपा पार्षदों का गुस्सा नेता प्रतिपक्ष हरिपाल के सामने फूट गया। इस बैठक में हरिपाल ने सभी पार्षदों से उनकी समस्याएं पूछी थीं। इस पर पार्षदों ने कहा कि बार-बार बताने के बाद भी वार्डों में काम नहीं हो रहे हैं। 15 लाख रुपए से अधिक के कार्य के लिए नगर निगम आयुक्त को स्वीकृति देनी है, लेकिन वे भी अनदेखी कर रहे हैं।

अब परिषद में निगमायुक्त के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाया जाएगा और वार्डों में काम नहीं हुए, तो सामूहिक इस्तीफा भी दे देंगे। इस पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि दो विधानसभाओं में ही काम हो रहे हैं। इसमें मैं क्या कर सकता हूं। उन्होंने गुरुवार को दोबारा से बैठक बुलाई है, जिसमें ठोस निर्णय लिए जाएंगे। बैठक में निगम अधिकारियों के सालों से एक ही पद पर पदस्थ होने और पद के विपरीत नियुक्ति होने के मुद्दों पर ही चर्चा हुई। भाजपा पार्षदों का कहना था कि निगम अधिकारी उनकी नहीं सुन रहे हैं। निचला अमल तक मनमर्जी से नियुक्त किया जा रहा है। पार्षदों को अपनी मौलिक निधि के कार्यों के लिए भी चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। पार्षदों ने कहा कि 15वें वित्त आयोग का पैसा कहां गया इसकी जानकारी तक निगम अधिकारी नहीं दे रहे है।

सिर्फ विशेष लोगों की फाइलें बन रही है और उन्हीं लोगों के कार्य किए जा रहे हैं, जबकि पार्षदों की एक-एक फाइलें तक स्वीकृत नहीं हो पा रही हैं। हालांकि बाद में नेता प्रतिपक्ष हरिपाल ने इन सभी बातों को सिर्फ हंसी-मजाक करार दे दिया। उनका कहना है कि पार्षद तो हंसी-मजाक में इस्तीफा देने की बात कह रहे थे। मैंने भी मजाक में ही कहा था कि दो विधानसभाओं में ही काम हो रहे हैं। अब गुरुवार को बैठक में पार्षदों की समस्याओं को लेकर निर्णय लिया जाएगा।

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