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ED के अधिकारियों ने तेजस्वी यादव की गर्भवती पत्नी से दागे दनादन सवाल, बेहोश होकर गिर पड़ी राजश्री यादव, इलाज जारी

पटनाः नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के परिजनों और रिश्तेदारों के आवास पर छापेमार कार्रवाई की। एजेंसी के सूत्रों ने बताया कि छापेमारी के दौरान 53 लाख रुपये कैश, 1,900 अमेरिकी डॉलर, लगभग 540 ग्राम सोना और 1.5 किलोग्राम सोने के आभूषण जब्त किए गए। छापेमारी की इस कार्रवाई के दौरान बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव मौजूद रहे।

सूत्रों के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने तेजस्वी यादव की पत्नी से कई घंटों तक इस मामले को लेकर पूछताछ की। सूत्रों के हवाले से खबर है कि लंबी पूछताछ की वजह से तेजस्वी यादव की गर्भवती पत्नी को ब्लड प्रेशर (बीपी) की दिक्कत हो गईं और वह बेहोश हो गईं। इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।

लालू यादव ने आपातकाल से की तुलना

शुक्रवार को दिल्ली एनसीआर में ईडी ने लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव के साथ-साथ बेटियों चंदा, हेमा और रागिनी के यहां भी छापेमारी की। लालू प्रसाद यादव ने ईडी की इस छापेमारी की तुलना आपातकाल से करते हुए कहा था, ‘हमने आपातकाल का काला दौर भी देखा है। हमने वह लड़ाई भी लड़ी थी। आधारहीन प्रतिशोधात्मक मामलों में आज मेरी बेटियों, नन्हें-मुन्ने नातियों और गर्भवती पुत्रवधु को भाजपाई ED ने 15 घंटों से बैठा रखा है। क्या इतने निम्नस्तर पर उतर कर बीजेपी हमसे राजनीतिक लड़ाई लड़ेंगी?’

जानिए क्या है पूरा मामला

लैंड फॉर जॉब स्कैम करीब 14 साल पुराना केस है। तब केंद्र में यूपीए सरकार थी और लालू यादव रेल मंत्री थे। सीबीआई के मुताबिक, लोगों को पहले रेलवे में ग्रुप डी के पदों पर सब्स्टीट्यूट के तौर पर भर्ती किया गया और जब उनके परिवार ने जमीन का सौदा किया, तब उन्हें रेगुलर कर दिया गया। इन जमीनों का सौदा नकद में हुआ था। यानी, लालू परिवार ने नकद देकर इन जमीनों को खरीदा था। सीबीआई के मुताबिक, ये जमीनें बेहद कम दामों में बेच दी गई थीं।

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