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मध्यप्रदेश

राजमार्गों पर बढ़ती सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए हाइवे पुलिस का होगा गठन

भोपाल। मध्‍य प्रदेश के राष्ट्रीय और राजकीय राजमार्गों में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए हाइवे पुलिस का गठन किया जाएगा, जो सीधे पुलिस मुख्यालय के अधीन होगी। इसमें प्रदेश को आठ जोन में बांटा जाएगा। उज्जैन, इंदौर, चंबल, ग्वालियर, जबलपुर, भोपाल में एसपी और रीवा, सागर में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पदस्थ होंगे। हर जोन में एक उप पुलिस अधीक्षक को भी पदस्थ किया जाएगा। इस संबंध में पुलिस मुख्यालय ने प्रस्ताव तैयार किया है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद यह व्यवस्था लागू होगी।

अलग हाइवे पुलिस होने पर इसके लिए अलग से बजट भी मिलेगा। पेट्रोलिंग के लिए वाहन उपलब्ध कराए जाएंगे। बता दें कि अभी राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों में 48 पुलिस चौकी हैं। एक चौकी में 10 पुलिसकर्मी अलग-अलग पाली में तैनात रहते हैं। 2022 में प्रदेश में सड़क हादसों में 13 हजार 400 लोगों की मौत हुई थी।

ऐसे में पुलिस के सामने दुर्घटनाएं रोकने की बड़ी चुनौती है। राज्य सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कहा था कि दुर्घटना संभावित क्षेत्र (ब्लैक स्पाट्स) को समाप्त किया जाए, जिससे दुर्घटनाओं को रोका जा सके।

पुलिस मुख्यालय की 2021 की रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रीय राजमार्गों में सर्वाधिक सड़क दुर्घटनाओं के मामले में प्रदेश देश में चौथे नंबर पर है। प्रदेश में 395 ब्लैक स्पाट्स हैं, इनमें 215 राष्ट्रीय और राजकीय राजमर्गों में हैं। हाइवे पुलिस का गठन होने के बाद वाहनों की गति नियंत्रित करने, ब्लैक स्पाट्स को खत्म करने, निगरानी और घटना होने पर तुरंत उपचार व बचाव कार्य शुरू करने में सुविधा हो जाएगी।

इसलिए पड़ी जरूरत

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक जी जनार्दन ने बताया कि प्रदेश में प्रति वर्ष सड़क दुर्घटनाओं मेंं जितनी मौतें होती हैं उनमें 50 से 53 प्रतिशत हाइवे में होती हैं, इस कारण राजमार्गों में निगरानी बढ़ाने की जरूरत है। इसके लिए अलग से पुलिस का अमला बनाने के साथ ही संबंधित एजेंसियाें से बात कर ब्लैक स्पाट्स भी खत्म किए जा रहे हैं।

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