चुनावी साल में मध्य प्रदेश करेगा 11 लाख टन खाद का अग्रिम भंडारण

भोपाल। चुनावी साल में किसानों को खाद की कमी न आए, कहीं भी लाइनें न लगें, इसके लिए सरकार खरीफ सीजन प्रारंभ होने के पहले ही गोदामों में खाद पहुंचा देगी। इसके लिए 11 लाख टन का अग्रिम भंडारण किया जा रहा है। केंद्र सरकार से राज्य के प्रस्ताव से सहमत होते हुए खाद भेजना भी शुरू कर दिया है। मई तक खाद का भंडारण हो जाएगा और किसान अपनी सुविधा के अनुसार पहले खाद भी ले सकेंगे। इसके लिए उन्हें ब्याज भी नहीं देना होगा।
प्रदेश में कुछ वर्षों से खाद की कमी सामने आ रही है। पिछले साढ़े आठ लाख टन खाद के अग्रिम भंडारण का कार्यक्रम बनाया गया था लेकिन साढ़े पांच लाख टन ही मिल पाई। इसके कारण कमी आई और कई स्थानों पर किसानों को खाद प्राप्त करने के लिए दो-दो दिन लाइन में लगे रहने पड़ा।
ग्वालियर- चंबल क्षेत्र में तो कानून व्यवस्था की स्थिति निर्मित हो गई थी। गोदाम से खाद लूटने जैसी घटना भी हुई और कांग्रेस विधायक मनोज चावला के विरुद्ध प्रकरण भी दर्ज हुआ था। चुनाव के वर्ष में ऐसी स्थिति फिर निर्मित न हो, इसलिए सरकार पहले से व्यवस्था बनाने में जुट गई है।
इसके लिए केंद्र सरकार को 11 लाख टन यूरिया, डीएपी, एनपीके मई तक देने का प्रस्ताव भेजा था, जिसे स्वीकार करते हुए अग्रिम भंडारण के लिए खाद मिलना प्रारंभ हो गया है। अपर मुख्य सचिव कृषि अशोक बर्णवाल का कहना है कि किसानों को आवश्यकता के समय पर्याप्त मात्रा में खाद मिल जाए, इसके प्रबंध कर लिए हैं।
मई तक सभी जिलों में खाद पहुंच जाएगी और सहकारी समितियों के माध्यम से किसान अग्रिम भंडारण भी कर सकेंगे। पूरे सीजन में 27-28 लाख टन खाद की आवश्यकता होगी, जिसकी पूर्ति केंद्र सरकार द्वारा नियमित तौर पर की जाती रहेगी।
मार्कफेड बढ़ाएगा वितरण समितियों की संख्या
उधर, सहकारिता विभाग ने खाद वितरण सहकारी समितियों की संख्या 110 से बढ़ाकर 160 करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा बीज उत्पादक समिति, कृषक उत्पादक समिति, फल-फूल उत्पादक समिति के साथ- साथ अन्य सहकारी समितियों से भी खाद उपलब्ध कराई जाएगी। साथ जिन क्षेत्रों में विपणन समितियों के गाेदाम नहीं हैं वहां राज्य सहकारी विपणन संघ द्वारा सेल प्रामोटर नियुक्त कर खाद बांटी जाएगी ताकि किसानों तक सरलता के साथ समय पर खाद पहुंच जाए।