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मध्यप्रदेश

सायबर फ्राड का शिकार हो जाएं तो 60 मिनट के 1930 पर करें काल

ग्वालियर। सायबर फ्राड तेजी से बढ़ रहा है। सायबर अपराध के आंकड़े बताते हैं- ओटीपी पूछकर, फिसिंग लिंक भेजकर, क्रेडिट कार्ड और लोन की लिमिट बढ़ाने के नाम पर, लाटरी का झांसा देकर ठगी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। सायबर फ्राड करने वाले ठग नए-नए तरीके अपना रहे हैं, इनसे बचने का सबसे बड़ा तरीका है- सावधानी, लेकिन अगर किसी चूक के कारण आप सायबर फ्राड का शिकार हो जाएं तो घबराएं नहीं, हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसे तरीके, अगर आप ठगी के 60 मिनट के अंदर इनका इस्तेमाल करते हैं तो हो सकता है खाते में आपकी ठगी गई रकम लौट आए। पढ़िए क्या हैं वह तरीके…जो सायबर फ्राड का शिकार होने पर बनेंगे आपके मददगार।

1930 पर करें काल

केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा आपकी मदद के लिए हेल्पलाइन शुरू की गई है। अधिकांश लोगों को इसके बारे में जानकारी ही नहीं है। हेल्पलाइन नंबर 1930 पर अगर आप काल करेंगे तो तुरंत आपके खाते की जानकारी, यूपीआइ की जानकारी, जिस खाते में या वालेट में रुपये गए हैं उसकी जानकारी आपसे ली जाएगी। याद रखें, यहां भी आप अपना गोपनीय पिन न बताएं। अगर समय पर आप इस नंबर पर काल करते हैं तो इस नंबर से आने वाली शिकायतों के लिए काम करने वाले कंट्रोल रूम में सभी बैंक, वालेट और आरबीआइ तक के अधिकारी जुड़े हैं। खाते से पैसा ट्रांसफर होने में कुछ समय लगता है, समय पर आप जानकारी देंगे तो खाता फ्रीज कर दिया जाएगा और आपके खाते में रकम लौट सकती है। पहले 155260 नंबर था, जिसे अब बदल दिया गया है।

डेबिट-क्रेडिट कार्ड कराएं ब्लाक

जिस बैंक का डेबिट और क्रेडिट कार्ड आप इस्तेमाल करते हैं। उसकी आधिकारिक बेवसाइट पर जाकर यहां से हेल्पलाइन नंबर हासिल करें। ध्यान रखें, गूगल से नंबर न लें, क्योंकि यहां ठगों ने अपने नंबर अलग-अलग हेल्पलाइन नंबर के नाम पर डाल रखे हैं। आधिकारिक बेवसाइट से नंबर लेकर तुरंत इसे ब्लाक कराएं। अगर आप बैंक का एप इस्तेमाल करते हैं तो यहां भी इसे ब्लाक कराने के लिए आप्शन होता है।

वालेट ब्लाक कराएं

अगर यूपीआइ के जरिये ठगी हुई है तो आप पे-वालेट, यूपीआइ अकाउंट तुरंत ब्लाक कराएं। इसके लिए भी सभी कंपनियों, बैंक द्वारा हेल्पलाइन नंबर दी गई है। एप में भी ब्लाक का आप्शन दिया गया है।

राज्य सायबर सेल या क्राइम ब्रांच में करें संपर्क

आप ठगी का शिकार हो गए हैं तो तुरंत राज्य सायबर सेल या क्राइम ब्रांच पहुंचे। यहां अपने खाते व अन्य जानकारी दें, जिससे आपका खाता फ्रीज कराने की प्रक्रिया यहां से शुरू हाे सके। राज्य सायबर सेल और क्राइम ब्रांच की टीम ने कई लोगों के रुपये वापस कराए हैं।

वर्जन:

सायबर फ्राड से बचने के लिए सावधानी ही सबसे बड़ा हथियार है। अगर कोई सायबर फ्राड का शिकार हो गया है तो वह सबसे पहले 1930 पर काल करे। इसके बाद राज्य सायबर सेल या क्राइम ब्रांच पहुंचकर शिकायत करें। इससे कई लोगों की रकम वापस कराई गई है। लेकिन समय पर यह प्रक्रिया अपनानी जरूरी है।

सुधीर अग्रवाल, एसपी, राज्य सायबर सेल

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