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मध्यप्रदेश

स्वास्थ्य संचालनालय ने 209 डाक्टरों की सूची जारी कर पदस्थापना के लिए मांगे विकल्प

भोपाल। मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना, पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप समेत विभिन्न सरकारी योजनाओं के अंतर्गत निजी डेंटल कालेजों से बीडीएस कर निकले डाक्टराें को भी एक साल की अनिवार्य सेवा देना होगी।

स्वास्थ्य संचालनालय ने हाल ही में 209 चिकित्सकों की सूची जारी कर पदस्थापना के लिए आनलाइन विकल्प मांगे गए थे। जल्द ही इनकी पदस्थापना के आदेश जारी हो सकते हैं। इसका बड़ा लाभ दांत के मरीजों को मिलेगा। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी उन्हें दंत चिकित्सकों की सेवाएं मिल सकेंगी।

अभी स्थिति यह है कि प्रदेश में दंत चिकित्सा अधिकारी के 561 पद हैंं। इनमें 119 पदस्थ हैं, बाकी रिक्त हैं। दो से तीन प्रतिशत सीएचसी को छोड़ दें तो बाकी किसी में दंत चिकित्सक नहीं हैं। अच्छी बात यह है कि अब हर वर्ष लगभग इतने ही चिकित्सक बंधपत्र की शर्ताें के तहत मिलेंगे।

कालेज और सीटों की संख्या बढ़ने के बाद और डाक्टर मिलेंगे। इसके पहले इंदौर स्थित प्रदेश के एकमात्र सरकारी दंत चिकित्सा महाविद्यालय से बीडीएस कर निकलने वाले डाक्टरों को ही एक साल की अनिवार्य सेवा करनी होती थी।

बता दें कि निजी मेडिकल कालेजों से एमबीबीएस व एमडी-एमएस कर निकलने वाले सभी डाक्टरों के लिए पहले से ही एक वर्ष की अनिवार्य सेवा का नियम है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जिला अस्पतालों में भी इन चिकित्सकों की नियुक्ति की जाएगी, क्योंकि यहां डेढ़ सौ से दो सौ मरीज प्रतिदिन आते हैं। जिला अस्पतालों में अभी एक या दो दंत चिकित्सक ही हैं।

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