राजस्थान में क्यों जाट CM नहीं बन पाया?:कैसे एक जाति बनी प्रदेश की प्रभावशाली कौम, एक निर्णय से पार्टियों में बंटा समाज
राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले ‘जाट मुख्यमंत्री’ की वर्षों पुरानी मांग एक बार फिर सुर्खियों में है।
वजह- राज्य की पॉलिटिक्स में मजबूत दखल के बावजूद राजस्थान में जाट समुदाय से कभी मुख्यमंत्री नहीं बन सका है। इसी टीस के साथ 5 मार्च को प्रदेश के तमाम जाट नेता, मंत्री-विधायक, पार्टी संगठनों में अहम पदों पर बैठे लोग ‘जाट महाकुंभ’ में जुटे। मंथन हुआ कि राजस्थान में मुख्यमंत्री की कुर्सी और विधानसभा में जाट समाज का मजबूत प्रतिनिधित्व क्यों नहीं?
जबकि-राजस्थान विधानसभा में 200 विधायकों में से 33 विधायक और 5 मंत्री, लोकसभा की 25 सीटों में से 8 सांसद और केंद्र में एक मंत्री जाट समुदाय से आता है। दोनों राष्ट्रीय पार्टी के मौजूदा प्रदेशाध्यक्ष और देश के उपराष्ट्रपति तक जाट हैं।
राजस्थान में 12 से 14 प्रतिशत वोट बैंक रखने वाले समुदाय से आखिर CM नहीं बनने के पीछे क्या वजहें हैं? दैनिक भास्कर ने इस सवाल का सबसे सटीक जवाब जानने के लिए कई राजनीतिक विश्लेषकों से बातचीत के आधार पर ये रिपोर्ट तैयार की।