मंडी के लिए 100 एकड़ जमीन तलाश नहीं पा रहा प्रशासन अब भूअर्जन की तैयारी

जबलपुर। शहर के बीच बनी मंडी ने न सिर्फ आम लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं, बल्कि अब प्रशासन भी परेशान है। उनकी परेशानी की वजह मंडी के लिए शासकीय जमीन तलाशना है। मंडी के लिए लगभग 100 एकड़ जमीन चाहिए। इसके लिए जिला प्रशासन की समय सीमा बैठक में कलेक्टर सौरभ सुमन ने राजस्व अधिकारियों को जमीन चिंहित करने के लिए निर्देशित किया था। एक माह से अधिक समय हो गया है, लेकिन अभी तक मंडी के लिए शहर से बाहर जमीन नहीं तलाशी जा सकी है। जानकारी के मुताबिक राजस्व विभाग ने इसके लिए पनागर विधानसभा में जमीन तलाशने का प्रयास किया। यहां तक की कुश्नेर के पास कुछ शासकीय जमीन भी चिंहित की गई, लेकिन जरूरत के मुताबिक जमीन का रकवा काम था। अब पनागर तहसीलदार ने राजस्व विभाग के आला अधिकारियों को पत्र लिखकर यह कहा है कि उनके क्षेत्र में इतनी बड़ा रकवा नहीं है।
रिंग रोड़ के पास की जमीन ज्यादा उपयोगी:
विजयनगर से लगी मंडी में दिनों हालात बिगड़ रहे हैं। बात सफाई की हो या फिर यहां जम रहे अतिक्रमण की। इससे यहां आने वाले लोग ही परेशान नहीं है, बल्कि मंडी से लगी मुख्य सड़क से निकलने वाले राहगीर और वाहन चालक भी परेशान हैं। मंडी में लगे अतिक्रमण से यहां आने वाले वाहनों को लंबा जाम रहता है, जो मंडी से लेकर दीनदयाल चौक, मढ़ाताल थाने लग लगता है। 56 एकड़ में फैली मंडी अतिक्रमण और अनाधिकृत वाहनों के प्रवेश की वजह से सकरी होने लगी है। यहीं वजह है कि प्रशासन नई मंडी के लिए नई रिंग रोड के पास ही जमीन चिंहित करने में ज्यादा जोर दे रहा है। अब वह कटंगी और पाटन तहसील में इसके लिए जमीन तलाशेगा।
नहीं मिली जमीन को निजी जमीन करेगा अधिग्रहण:
प्रशासन लगातार यह प्रयास कर रहा है कि मंडी के लिए लगभग 100 एकड़ से ज्यादा शासकीय जमीन चिंहित करें। यदि जमीन नहीं मिलती है तो फिर प्रशासन शासकीय जमीन से लगी निजी जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा, ताकि तय रकवे को पूरा किया जा सके। हालांकि प्रशासन ने राजस्व विभाग से सख्त निर्देश दिए हैं कि वे हर हाल में तय समय सीमा के भीतर ही मंडी के लिए जरूरी शासकीय जमीन चिंहित करें। इसके लिए न सिर्फ भौतिक स्तर पर काम किया जाएगा बल्कि शासकीय दस्तावेजों को भी खंगलना शुरू कर दिया है। इधर सूत्र बताते हैं कि बायपास और नई रिंग रोड़ पर बड़े स्तर पर शासकीय जमीन है, लेकिन उन पर कई भूमाफिया और बिल्डर से फर्जी दस्तावेज तैयार कर कब्जा कर रखा है। अब प्रशासन इनके दस्तावेजों को भी खंगालने की तैयारी कर रहा है।
इनका कहना है…
मंडी के लिए लगभग 100 एकड़ जमीन चाहिए। हमारा प्रयास है कि रिंग रोड़ के पास यह जमीन मिले। ऐसा नहीं है कि प्रशासन के पास इतनी मात्रा में शासकीय जमीन न हो। जमीन है, लेकिन चिंहित करने के लिए पूरी तैयारी के साथ काम करना होगा। सिर्फ यह कह देने से काम नहीं चलेगा कि जमीन नहीं है।
-सौरभ सुमन, कलेक्टर