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मध्यप्रदेश

बाजार के दूध पर भरोसा नहीं घर में बांधी गाय-भैंस

ग्वालियर। शहर में मिलावटी दूध की खबरों से संभ्रांत वर्ग के लोगों में बाजार में बिकने वाले दूध से भरोसा उठ गया है। घर में मिलावटी व दूषित दूध न आए और सेहत न बिगड़े इसे ध्यान में रखते हुए व्यापारियों, उद्योगपतियों, डाक्टर सहित अन्य लोगों ने घर में गाय-भैंस पाल ली हैं। इससे पूरे परिवार को शुद्ध दुध मिल सके।

संभ्रांत वर्ग ने शुद्ध दूध के लिए शहर के आसपास फार्म हाउस भी बना लिए हैं। घर में शुद्ध दूध मिल सके, इसके लिए एक-एक लाख रुपये की भैंस व गाय खरीद रहे हैं। गाय व भैंस की देखरेख के लिए फार्म हाउस पर कर्मचारी भी तैनात किए हैं, जो गाय व भैंस को चारा खिलाने के बाद दूध निकालकर घर पहुंचाते हैं। पशुपालक एक टाइम का पांच किलो दूध खुद ले रहे हैं और गाय व भैंस को पालने वालों को एक टाइम का दूध दे रहे हैं। शहर में इस तरह के परिवारों की संख्या बढ़ती जा रही है।

कारोबारी ने गांव में पाली भैंस

जितेंद्र प्रताप सिंह पेशे से खनन कारोबारी हैं। इन्होंने भी शुद्ध सब्जी, फल, दूध के लिए शीतला माता रोड स्थित राम नगर में फार्म हाउस बनवाया है। यहां सवा लाख रुपये की भैंस उन्होंने गांव के किसान के पास बांधी है। किसान उन्हें प्रतिदिन पांच किलो दूध घर पर देकर आता है और एक टाइम का दूध किसान खुद अपने लिए रखता है। कारोबारी का कहना है कि घर में बंधी गाय-भैंस का दूध मिलने से शुद्धता की गारंटी रहती है और मिलावटी दूध व घी से बचते हैं। वहीं फार्म हाउस से पपीता, अमरूद, नींबू, सहजन एवं आम जैसे फल मिल जाते हैं।

शुद्धता से समझौता नहीं, गाय व भैंस बंधी

नाक-कान, गला रोग विशेषज्ञ डा. रवींद्र बंसल ने शुद्ध दूध के लिए टेकनपुर में फार्म हाउस बनवाया है। वे यहां गाय व भैंस पाल रहे हैं, जिनकी देखरेख के लिए कर्मचारी रखे हैं। प्रतिदिन सुबह व शाम को उनके घर पर चार-चार किलो दूध आता है। डा. बंसल का कहना है कि वर्तमान में जो दूध बाजार में मिल रहा है, उस पर भरोसा नहीं किया जा सकता। उसमें शुद्धता की गारंटी नहीं है, जिसके चलते गाय व भैंस फार्म हाउस पर बांधी हैं। हालांकि यह दूध महंगा पड़ रहा है, लेकिन शुद्धता पूरी है। खुद की गाय व भैंस के दूध व बाजार के दूध के स्वाद में काफी अंतर है।

दूध ही नहीं, सब्जियां भी घर की

पेशे से वकील एमपीएस रघुवंशी वर्तमान में अतिरिक्त महाधिवक्ता हैं। शिवपुरी हाईवे पर उनका फार्म हाउस है। उन्होंने फार्म हाउस की जमीन बटाई पर दी है, यहां देखरेख करने वाले कर्मचारी उन्हें सब्जी व दूध की आपूर्ति करता है। रघुवंशी कहना है कि फार्म हाउस से आर्गेनिक सब्जियां मिल जाती हैं। इसमें यूरिया व दवाइयों का उपयोग नहीं किया जाता है। वर्तमान में बाजार में बिकने वाले दूध व सब्जियों की गुणवत्ता ठीक नहीं है, जिसके चलते खुद का दूध व सब्जियों उगाने का फैसला लेना पड़ा। घर के सामने खुद का पार्क भी बनाया है, उसमें भी हम अपनी सब्जियां उगा रहे हैं।

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